परंपरा
इस कहानी में दो मुख्य किरदार है एक राहुल और दूसरी अर्पिता और इस कहानी का आधार है दो बहनों का एक ही घर में शादी कर के आने वाली परंपरा जो की पिछले तीन पुस्त से चली आ रही थी .. आइए जानते है परंपरा टूट गई या आज भी जारी है !!
राहुल के बड़े भाई की शादी थी ऐसे मैं कई वजहों से राहुल के लिए ये दिन कई माइनो में खास था जिसमें सबसे प्रमुख वजह थी अपने सबसे प्रिय भाभी और उनकी चचेरी बहन अर्पिता से होने वाली मुलाकात ।
घर में वैसे तो ये आठवीं शादी थी लेकिन ऐसा पहली बार हुआ था की चाहे कोई बच्चा हो या बुजुर्ग हर कोई खूब नाचा था और राहुल का तो पूछिए ही मत .. जून के महीने में जहा गर्मी चरम पर थी वही जुनून भी चरम पर था । आखिरकार गाजे बाजे के साथ भाभी के दरवाजे पर राहुल और उसका पूरा परिवार पहुंच गया ।
अब आगे की कहानी आप को खुद राहुल बताएंगे ।
मंच पर जितने बेचैन भईया भाभी को देखने के लिए थे उससे कही अधिक मैं अर्पिता को देखने के लिए था । आखिरकार उस लाल जोड़े में दूर से भाभी आती दिखी और उनके साथ पीले रंग की साड़ी पहने मानों कोई अप्सरा साथ में चल रही थी जितने वो स्टेज के करीब आ रहे थे मेरी बेचैनी उतनी और बढ़ रही थी और आखिरकार भाभी मंच पर आ गई और मुझे देख कर एक हल्की सी मुस्कुराहट दे कर सोफे पर बैठ गई ।
इसे इतेफाक ही कहा जायेगा की ना की सिर्फ हमारे कपड़े का रंग एक था बल्कि हमारे आंखो का भी रंग एक सा था .. बिलकुल काला । मैंने अनगिनत दफा देखने की कोशिश की लेकिन हर दफा उसने मुझे नजरंदाज किया और ऐसा करते करते पूरी रात गुजर गई और शादी भी हो गई ।
हर गुजरते वक्त के साथ मुझे ऐसा लगने लगा था की शायद कुछ तो गलत कर दिया है मैने वरना इस तरह कौन ही नजरंदाज करता है वो भी तब जब वो जानता हो की कोई बहुत दूर से उसे देखने आया है ।
अब बिदाई से ठीक पहले वाले रस्म में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद सब कुछ बदलने वाला था या यूं कहे मुझे मेरी पहचान मिलने वाली थी .. दीदी ये कौन है ? धीरे से भाभी से उसने पूछा और भाभी ने बस इतना कहा "वही" । चुकी मेरी नज़र उस पूरी रात सिर्फ और सिर्फ उन पर ही टिकी थी मैं अब भी उन्हें ही निहार रहा था । चहरे का रंग , वो खुशी मानो चीख चीख कर हमारे मिलने की गवाही दे रहे हो .. चंद लम्हें की मुलाक़ात और कुछ हल्की सी बात का सिलसिला भाभी के बिदाई के बाद थम गया ।
शादी के चौथे दिन आने वाले लोगों में एक नाम अर्पिता का भी था लेकिन ...
To be continued
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