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Showing posts from April, 2021

मोहब्बत और मेरी पत्नी

इस कहानी के दो मुख्य किरदार हैं कविता और प्रवीण जिनके बीच उम्र का फर्क महज 20 सालों का है । शाम के लगभग 7 बज रहे थे और कविता अभी बस ऑफिस से लौट कर घर आई ही थी की तभी फोन की घंटी बजी .. बेहद ही हैरान भरी निगाहों से उसने फोन की तरफ नजर घुमाया और फोन को नजरंदाज करते हुए अपने काम में व्यस्त हो गई ।  कविता के चहरे पर ढेरों उलझन और तनाव साफ नजर आ रहा था और इसका नतीजा ये हुआ की उसने सब्जी काटते काटते अपनी उंगली भी काट ली । खून मानों रुकने का नाम ही ना ले रहा हो .. की तभी घर के दरवाजे की घंटी बजी , लगभग 7.30 बज चुके थे और उसे मालूम था की दरवाजा पर मां होंगी । जैसे तैसे उसने अपने दुप्पटे के एक हिस्से को फाड़ कर अपनी उंगली में बांधा और दरवाजे की ओर दौड़ पड़ी । दरवाजा खुलते ही हाथ में सब्जी का झोला लिए मां खड़ी थी .. कविता बोली आओ मांं क्या क्या लेकर आई हो ... लौकी और बैंगन तो नहीं लेकर आई हो ना वरना मैं खाना बाहर से मंगा लेती हू । मां ने बेहद ही शरारती अंदाज में झोले को कविता की तरफ बढ़ाते हुए बोली .. खुद ही देख लो समझ आ जायेगा ।  झट से झोले को लेकर फ्रिज की तरफ कविता बढ़ी ही थी की फिरस...

जिंदगी और मौत

दिन था शनिवार और आज सुबह काफी पहले हो गई थी शायद 5 बजे से भी पहले और चांद धीरे धीरे आसमां में कही गुम हो रहा था । राहुल रोज की तरह आज भी सुबह सुबह उठ कर नाश्ता बना कर अपने ऑफिस के लिए निकल ही रहा था की अचानक ... उसकी नजर उसके फटे हुए चप्पल पर पड़ी .. जो कभी भी उसका साथ छोड़ने वाली थी ।  राहुल सोचने लगा आखिर आज ये हो क्या रहा है .. पहले सुबह का जल्दी आना और अब ये चप्पल , अभी तो आधे हिंदुस्तान ने जगना भी नहीं शुरू किया होगा , मैं मोची कहा से ढूंढ कर लेकर आऊ ।। बहुत ही थक हार कर उसने फैसला किया की आज वो इन्हीं चपल्लो में ऑफिस जायेगा । जैसे जैसे वो आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे उसकी चप्पल कमजोर पड़ रही थी लेकिन जैसे तैसे वो 7 बजे तक अपने ऑफिस पहुंच गया ।  उस एक घंटे के सफर में अनगिनत सवाल और टूटने के डर ने ... उसे उसके चप्पल में ही उलझा कर रखा था और इसी भागम भाग में वो अपना नाश्ता घर पर ही भूल आया था और तो और स्वभाव से बेहद ही कंजूस राहुल किसी भी हाल में अब बाहर से तो लंच मंगाने ही वाला नहीं था ऐसे में वो अपने लंच के उम्मीद में अपने टूटे चपल्ल के साथ फ्लोर पर इधर से उधर , उधर से उधर ठह...